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Wednesday, January 10, 2024

कांग्रेस का कहना है कि अयोध्या का राम मंदिर निर्माणाधीन है इसलिए इसका उद्घाटन स्पष्ट रूप से चुनाव में लाभ के लिए किया जा रहा है।

कांग्रेस का कहना है कि अयोध्या का राम मंदिर निर्माणाधीन है इसलिए इसका उद्घाटन स्पष्ट रूप से चुनाव में लाभ के लिए किया जा रहा है। 
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राजनीतिक बहस एक तरफ, लेकिन प्रश्न उठता है कि 22 जनवरी को अयोध्या में क्या हो रहा है? कुछ लोग इसे उद्घाटन कह रहे हैं। अंग्रेजी में इसके लिए Consecration अर्थात् पवित्रीकरण कहा जा रहा है। जबकि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इसे प्राण-प्रतिष्ठा कह रहा है।

पहले बाद शब्द उद्घाटन की। किसी भी मंंदिर का उद्घाटन नहीं होता। मंदिर कोई परियोजना नहीं है जिसका उद्घाटन किया जाए। यह शब्द शायद इसलिए चला क्योंकि पहले राम मंदिर का शिलान्यास किया गया था। सामान्य समझ से यह मान लिया गया कि जिसका शिलान्यास हुआ, उसका उद्घाटन भी होगा। 

Consecration भारतीय शब्द या प्रक्रिया नहीं है। यह चर्च के लिए प्रयोग में आता है। कैंब्रिज शब्दकोष के अनुसार 
the act or process of officially making something holy and able to be used for religious ceremonies:
A large congregation gathered for the consecration of the church.
the consecration of bread and wine by the priest or minister

सनातन धर्म में किसी मंदिर के पवित्रीकरण की कोई पद्धति या परंपरा नहीं है। बल्कि पूजा पद्धति के लिए स्थान का सर्वाधिक महत्व होता है। 

कायदे से देखा जाए तो श्रीराम जन्मस्थान तो हजारों वर्षों से पवित्र है क्योंकि यहां प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था। यहां बने मंदिर को तोड़ने या अपवित्र करने से स्थान की पवित्रता भंग नहीं होती। 
किसी भी मंदिर में मूर्ति की स्थापना के बाद उसकी प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। अर्थात् मूर्ति रूपी देवता में प्राण स्थापित किए जाते हैं ताकि श्रद्धालु उनमें अपने देवता का जीवंत स्वरूप प्रत्यक्ष रूप से महसूस कर सकें। प्राण प्रतिष्ठा के बाद ही विधि-विधान से किसी मंदिर में मूर्ति की पूजा-अर्चना शुरू हो सकती है। यही कारण है कि मूर्तिकार के यहां रखी मूर्ति की पूजा नहीं होती बल्कि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद स्थापित मूर्ति की पूजा की जाती है। 

रही बात निर्माणाधीन मंदिर की। छह दिसंबर 1992 को यहां अस्थायी मंदिर ही बनाया गया था जिसमें वर्षों तक राम लला की पूजा होती रही। लिहाजा अभी उसी मंदिर को भव्य रूप दिया जा रहा है और इस तरह निर्माणाधीन मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हो रहा है।